आगरा पुलिस कमिश्नर ने ऐसा कर दिया काम, महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों की आएगी शामत, वूमेन सेफ्टी सेल प्रकोष्ठ का किया गठन, एसीपी महिला अपराध शाखा की प्रभारी डॉ. सुकन्या शर्मा ने दी जानकारी…

एसीपी महिला अपराध डॉ. सुकन्या शर्मा
- बहन-बेटियों से छेड़छाड़ करना पड़ेगा भारी
- पुलिस आयुक्त ने वूमेन सेफ्टी सेल प्रकोष्ठ का किया गठन
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आगरा। आगरा पुलिस कमिश्नरेट में महिला सुरक्षा (वूमेन सेफ्टी सेल) का पहली बार गठन किया गया है। महिला संबंधी अपराध के मामले में पारदर्शिता के आधार पर मामले निपटाए जाएंगे। प्रकोष्ठ में एक इंस्पेक्टर तीन महिला सिपाही नियुक्त रहेंगी। वूमेन सेफ्टी सेल की गठन के बाद महिला संबंधी अपराध में कमी आएगी। वूमेन सेल पीड़ितों से जानकारी लेगी, इसके साथ घटनास्थल पर पहुंचकर आरोपित कि मानसिकता का है उसकी जानकारी जुटाएगी। आत्महत्या के मामले में छानबीन कर विस्तृत रिपोर्ट अधिकारियों को दी जाएगी।
एसीपी सदर व महिला अपराध शाखा की प्रभारी डॉ. सुकन्या शर्मा के मुताबिक अब ताजनगरी में मनचलों की खैर नहीं होगी। बहन हो या बेटी से छेड़छाड़ करना भारी पड़ेगा। उन्होंने पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ की तारीफ करते हुए कहा कि उनके निर्देशन में पहली बार इस प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। जो महिला अपराध में पारदर्शिता के साथ कार्य करेगा। कंट्रोल रूम के साथ-साथ डायल 112 पर महिला अपराध से संबंधित की सूचना वूमेन सेफ्टी सेल को स्थानांतरण की जाएगी। महिलाओं से छेड़छाड़ हो या दुष्कर्म अथवा हत्या-आत्महत्या की जानकारी प्रेषित की जाएगी। वूमेन सेफ्टी सेल महिला संबंधी अपराध की घटनाओं के कारणों की गहनता से जांच रिपोर्ट तैयार कर उस पर कार्य करेगी। अपराध करने वाला व्यक्ति किस मानसिकता का है, यह सेल पीड़िता से घटनास्थल पर पहुंचकर जानकारी करेगी। अपराध पर रोक लगाने के लिए एक महिला इंस्पेक्टर तथा तीन कांस्टेबल रहेंगी। अपराध की रोकथाम के लिए व आरोपित को सजा दिलाने के लिए पुलिस टीम प्रभावी कार्रवाई करेगी। इस तरह के विभिन्न अपराधों को रोकने के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा।
एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि प्रत्येक दिन आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। जिनके आंकड़े जुटाकर टीम पूरी तरह से कार्य करेगी। गृह क्लेश और प्रताड़ना से परेशान होकर विभिन्न घटनाएं हो रही हैं इस तरह की घटना की जानकारी पर वूमेन सेफ्टी सेल रिपोर्ट तैयार करेगी। केवल इस टीम का कार्य सिर्फ रिपोर्ट बनाना नहीं, बल्कि लोगों को जागरूक करना भी होगा।