वापस नहीं होगी रहनकलां व रायपुर के किसानों की जमीन, मिलेगा अतिरिक्त मुआवजा… एडीए ने शासन को भेजा प्रस्ताव

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- जमीन वापसी को इनररिंग रोड़ पर नौ दिन दिया था धरना
- मुख्यमंत्री ने दिए थे चार गुना मुआवजे के निर्देश
एत्मादपुर (आगरा)। बीते दिनों इनररिंग रोड की एक रोड़ बंद कर नौ दिनों तक भूमि वापसी को धरना देने वाले रायपुर व रहनकलां के किसानों को भूमि वापस नहीं होगी। उन्हें सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए एडीए ने शासन को किसानों को अतिरिक्त धनराशि के भुगतान के लिए अनुग्रह धनराशि जारी करने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा है। किसान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद ही घरने से हटे थे।
रहनकलां व रायपुर के किसानों की भूमि वर्ष 2009 में इनर रिंग रोड व लैंड पार्सल के लिए अधिगृहीत की गई थी। किसानों को मुआवजे का वितरण नहीं किया गया था। वर्ष 2014 में राजस्व अभिलेखों से किसानों के नाम हटाकर एडीए का नाम चढ़ गए। 15 वर्ष से किसान भूमि वापसी या मुआवजे की मांग कर रहे हैं। 444 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने 29 दिसंबर को इनर रिंग रोड के रहनकलां टोल प्लाजा से रमाडा इंटरचेंज की तरफ आने वाली एक लेन को बंद कर धरना शुरू कर दिया था। किसानों ने ऐलान किया था कि भूमि वापसी पर ही घर वापसी होगी। अधिकारियों के उन्हें मनाने के प्रयास विफल रहे थे। किसान मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने की मांग पर अड़े थे। इसके बाद शासन ने एडीए के अधिकारियों को तलब कर लिया था। छह जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात में भूमि वापसी या चार गुणा मुआवजा का आश्वासन मिलने पर ही किसान धरने से हटे थे। एडीए ने बुधवार को बोर्ड बैठक कर सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा किसानों को देने का प्रस्ताव पास कर शासन को अनुमोदन के लिए प्रेषित किया।
किसानों को करीब 475 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया जाएगा। जिसमें करीब 200 करोड़ रुपये उन्हें अनुग्रह धनराशि के रूप में दिए जाएंगे। एडीए ने शासन से अनुग्रह धनराशि जारी किए जाने को मांग की है। एडीए उपाध्यक्ष एम. अरून्मोलों ने बताया कि किसानों को सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा देने के लिए अनुग्रह धनराशि जाये करने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को अनुमोदन के लिए प्रेषित कर दिया गया है। लखनऊ में हुई बैठक में रायपुर व रहनकला की भूमि किसानों को वापस करने पर सहमति नहीं बन सकी थी। मुआवजा वितरित कर भूमि एडीए द्वारा रखे जाने व उसे छोड़ने की स्थिति के पक्ष-विपक्ष में काफी विचार किया गया था। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भूमि बेचे जाने पर भी मथन हुआ। शासन ने किसानों को भूमि का मुआवजा वितरित करने का प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश एडीए को दिए थे, जिसके बाद बोर्ड बैठक से प्रस्ताव स्वीकृत कराकर भेजा गया।
इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई 2023 में सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक की थी। विधायक डा. धर्मपाल सिंह द्वारा मामला संज्ञान में लाए जाने पर मुख्यमंत्री ने किसानों को चार गुणा मुआवजा देने या भूमि वापस करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद डीएम द्वारा गठित 11 सदस्यीय समिति ने किसानों को पुरानी दर से मुआवजा वितरित किए जाने को उचित नहीं माना था। किसानों को अनुग्रह धनराशि के रूप में अतिरिक्त धनराशि दिए जाने का प्रस्ताव समिति की रिपोर्ट के साथ अक्टूबर 2023 में शासन को भेजा गया था। 14 अगस्त 2024 को बोर्ड बैठक में निर्णय लेकर किसानों को भूमि वापस करने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया था।