प्रभावित किसानों ने बैठक कर किया एलान, एडीए को सहमति पत्र देने से इंकार

- एडीए से मांगा चार गुना मुआवजे के साथ दस साल का ब्याज
- आंदोलन की बनाई रणनीति
एत्मादपुर (आगरा)। भू-अधिग्रहण के दस साल बाद भी सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा और उसका ब्याज सहित पैसा न मिलने से तहसील की ग्राम पंचायत रायपुर और रहनकलां क्षेत्र के काश्तकारों में भारी आक्रोश है। शुक्रवार को एडीए अफसरों को बैरंग लौटाने के बाद शनिवार को किसानों ने गढ़ी सम्पत्त स्थित श्रीराम मंदिर में बैठक कर एलान किया कि वह अपनी शर्तो पर सहमति पत्र तब देंगे जब एडीए उनकी मांगों को मानेगा। शुक्रवार को सहमति पत्र का प्रारुप लेकर पहुंचे एडीए के अधिकारियों को बार-बार सहमति पत्र देने से किसानों ने मना कर दिया। पीड़ित किसानों का कहना है कि वह पहले ही सहमति पत्र दे चुके हैं। खतौनी से उनके नाम भी कट चुके हैं। मुआवजा अभी तक नहीं मिला। एडीए के अधिकारी उनके साथ धोखा कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अब उन्हें सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दस साल के ब्याज सहित दी जाए अन्यथा वह पुनः आंदोलन को बाध्य होंगे। एडीए के अधिकारी सहमति पत्र भरवाने के लिए गढ़ी संपत्ति पहुंचे तो उन्हें किसान परिवार की महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि शासन से 80 प्रतिशत किसानों से सहमति पत्र भरवाने के निर्देश हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत रायपुर और रहनकलां मौजा के एक दर्जन गांवों के किसानों के साथ बैठकें भी की जाएंगी, लेकिन आज हुई बैठक में एडीए का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।
एडीए की यहां ग्रेटर आगरा विकसित करने की योजना है। एडीए ने 100 मीटर चौड़ी इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल योजना के लिए रहनकलां व रायपुर क्षेत्र की भूमि का अगस्त 2008 में अधिग्रहण किया था। वर्ष 2010 में एडीए ने अरजेंसी क्लाज लगाकर इनर रिंग रोड बनाने को 162.8385 हेक्टेयर भूमि अर्जित कर अवार्ड किया। लैंड पार्सल को अधिग्रहीत रायपुर, रहनकलां, एत्मादपुर मदरा व बुढ़ाना मुस्तकिल की 938.8975 हेक्टेयर भूमि पर एडीए ने कब्जा कर लिया था, लेकिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया है। किसान सर्किल रेट की दर का चार गुणा मुआवजा चाहते हैं। इधर अब किसानों ने मुआवजे के साथ दस साल का ब्याज दिए जाने की मांग भी रखी दी है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) प्रभावित किसानों के साथ इस मुद्दे पर पिछली साल जुलाई की तरह राकेश टिकैत की अगुवाई में नई सरकार बनने के बाद आंदोलन करने के मूढ़ में है। इस दौरान किसान नत्थू काका, भूरी सिंह, ओम प्रकाश, रामप्रकाश, अतर सिंह, प्रदीप शर्मा, महेश, हरिओम, राजकुमार, हाकिम सिंह, रमेश चंद फौजी सहित तमाम किसान मौजूद थे