बरहन-सादाबाद प्रकरण:- बिन माँ-बाप के ‘अनाथ’ हो गई बेटी मुलु और बेटा हिमांशु
—- बरहन सादाबाद प्रकरण —-
- 10 वर्ष पूर्व उठा था माँ का साया और अब पिता ने गवाही जान
- बेटी का सपना न कर सके के दिवंगत संजय
(राम किशोर बघेल)
एत्मादपुर (बरहन)। थाना बरहन क्षेत्र के गांव रूपधनु में अनाथ (13 बर्षीय) बेटी और एक (11 बर्षीय) बेटा के सिर से पहले माँ का साया उठा और अब बाप भी उन्हें छोड़कर इस दुनियां से न्यारा हो गया है। बेटी मुलु और बेटा हिमांशु ने अपने जीवन को संवारने के लिए तमाम उतार चढ़ाव देखे, लेकिन उनके जीवन की कुंडली क्या था? यह बात शायद कोई नहीं जानता। अब दोनों अनाथ बच्चे अपने को बिन माँ-बाप के कोस रहे हैं।
एत्मादपुर-बरहन के गाँव रुपधनु में हाथरस की सादाबाद पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाले संजय सिंह के अरमान अधूरे रह गए। 10 वर्ष पूर्व उसकी पत्नी की मौत हो गई थी, संजय पूरी तरह टूट चुका था। उसके पास 5 बीघा खेती केवल नाम मात्र के लिए है। जिसमें संजय के पांच भाई का हिस्सा है। संजय के पास 13 वर्ष की एक बेटी मुलु और 11 वर्ष का बेटा हिमांशु है। संजय की पत्नी की मौत के बाद मुलु अपने ताऊ लायक सिंह के साथ आगरा के कालिंदी बिहार में रहने लगी और बेटा हिमांशु अपने पिता के साथ गाँव मे ही निवास कर रहा था। संजय के भतीजे शिवा के मुताबिक उसके चाचा बेटी मुलु की शादी बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास से करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने दिन रात मेहनत बैंक में कुछ रकम एकत्रित की थी। बेटा हिमांशु आर्थिक तंगी के चलते गाँव के सरकारी स्कूल मे छटवीं क्लास में पढ़ रहा है। हिमांशु की जिज्ञासा किसी अच्छे स्कूल में पढ़ने की थी। आर्थिक तंगी के चलते ऐसा हो नहीं सका।
बहराल, बेटी मुलु और हिमांशु का रो-रोकर बुरा हाल है। बार-बार बुआ सकुंतला और परिजनों से यही कहते है कि पापा हमें छोड़कर कैसे चले गए। अब हमारा क्या होगा? आगे का जीवन कैसे कटेगा। बच्चों का करुण कुंदन देखकर पास बैठने वाले लोगों के भी अंशु बहने लगते हैं। सरकार के नुमाइंदों ने पीड़ित परिवार को सरकार से आर्थिक सहायता की बात तो कही है। लेकिन 36 घंटे बीत गए, संजय के अंतिम संस्कार के बाद अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनका हाल चल पूछा है।