आगरा के किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया बड़ा ऐलान, बोले-जमीन के लिए मरना पड़े तो मरेंगे

- होटल राष्ट्रदीप में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी शासन-प्रशासन को चेतावनी
- अधिगृहीत जमीन की वापसी के लिए महाभारत के लिए तैयार हुए किसान
एत्मादपुर (आगरा)। पिछले 14 साल से मुआवजे की आस में जी रहे किसानों ने शनिवार को होटल राष्ट्रदीप में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर आगामी लड़ाई के लिए माह ऐलान कर दिया है। अधिगृहीत भूमि वापस न किए जाने पर उन्होंने शासन-प्रशासन को चेतावनी दी है।
एत्मादपुर के हाईवे स्थित होटल राष्ट्रदीप में आयोजित हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने ऐलान किया कि वर्ष 2009 में आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने रहनकला, रायपुर, गढ़ी संपत, नगला रघुबंश, नगला नकटा, नगला खरगा, नगला हरिकेशी, नगला गुरुदयाल, मनोहरपुर, गढ़ी जगन्नाथ, दलेल नगर, नगला रंजीत, नगला नथोली आदि ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहण की गई थी। इसमें से 442, 44 हेक्टेयर जमीन का न तो अभी तक मुआवजा दिया गया है और न ही जमीन वापस की गई है। किसान मुआवजा और जमीन वापसी के लिए लगातार आंदोलित हैं।
उन्होंने कहा कि बावजूद इसके सरकार किसानों के प्रति बड़ा छल कर रही है। किसानों की जमीन वापसी के लिए प्रशासन की ओर से तीन-तीन बार प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। किसानों ने ऐलान किया कि आंदोलन बहुत हुए, लेकिन अब महाभारत होगा। एक बार फिर से किसानों ने उग्र आंदोलन के लिए हुंकार भरी है।
आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता प्रदीप शर्मा, सिस्टम सुधार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अंशुमन ठाकुर, भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष पवन समाधिया, किसान कपूर चंद्र, रामनिवास सिकरवार, महेंद्र सिंह अतर सिंह नत्थू सिंह आदि सहित तमाम किसान किसान मौजूद थे।