यदि इंसान के मन में बैर है तो उसका मंदिर मस्जिद, गुरुद्वारा जाना सिर्फ सैर है: प्रो. बघेल  – कलम के योद्धा

यदि इंसान के मन में बैर है तो उसका मंदिर मस्जिद, गुरुद्वारा जाना सिर्फ सैर है: प्रो. बघेल 

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  • मनुष्यता का प्रतीक है हिंदू मुस्लिम समाज: एसपी सिंह बघेल
  • विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री 

एत्मादपुर (आगरा)। यदि इंसान के मन में बैर है, तो मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारा जाना सिर्फ एक सैर है। कही भी जाने से पहले बैर, छल-कपट को छोड़ना होगा। तभी मंदिर मस्जिदों में जाने पर शांति की प्राप्ति होगी। इंसान को अच्छे कार्य कर मानव भलाई के बारे में सोचना चाहिए।

उक्त विचार केंद्रीय परिवार एवं कल्याण राज्यमंत्री व आगरा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी प्रो. एसपी सिंह बघेल एत्मादपुर में दौरे पर आए तो एक पान की दुकान पर 20 मिनट खड़े संबोधन में दिए। प्रो. बघेल ने कहा कि गुरु के घर जाने में तभी शांति मिलेगी जब वो बैर, क्रोध, छल-कपट इत्यादि को छोड़कर आएगा। तभी विचारों में मिठास आएगी। इंसान आज के दौर में क्रोधित होता जा रहा हैं। छोटी-मोटी बातों पर इंसान को क्रोध आना स्वभाविक हो गया है। वर्तमान समय में युवाओं में सहनशीलता की बहुत कमी है।

उन्होंने कहा कि इंसान को अपने विचारों को बदलना होगा। भगवान की प्राप्ति के लिए प्रेम व भक्ति आवश्यक है। बिना सत्संग के भक्ति नहीं होगी और बिना भक्ति के भगवान की प्राप्ति नहीं होगी। जीवन में सब कुछ मिले और विचार नहीं मिले तो मनुष्यता ही बेकार है। युवा वर्ग नशा, व्यसन और फैशन में बर्बाद हो रहा है। भटक रहे युवाओं को सत्संग व श्रेष्ठ संग की आवश्यकता है। इंसान अपने बच्चों को संस्कार जरूर दें। युवाओं को अपने कूट विचारों को बदलना चाहिए।

पान की दुकान पर मुलाक़ात करते हिन्दू-मुस्लिम समाज के लोग।

मंगलवार शाम को एत्मादपुर में कस्बे के विभिन्न कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल बीच बाजार में पैदल ही निकल रहे थे, पान की दुकान देख उनका मन फिसल गया, वह रुक भी गए। उन्हें देख मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारा इत्यादि से बैर करने वाले एक मंच पर आ खड़े हुए। भले ही यह दौर चुनाव का है। केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने अपनी बात उनके के बीच में शालीनता से रखते हुए लोगों के बीच पैदा हुए मनुवादी विचारों का त्याग कराया।

इस अवसर पर दिगम्बर सिंह धाकरे, विश्वदीप सिंह, हाजी फरीद खान, राशिद कुरेशी, खलील कुरैशी, बाबा राजकुमार बघेल, संजय शर्मा, राजदीपक गुप्ता, चंद्रप्रताप सिंह, संदीप वर्मा, मदन चंदेल, अर्चित गुप्ता आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट —- राम किशोर बघेल

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