एत्मादपुर में ट्रेनी दरोगाओं की बदसूलकी से व्यापारियों में उबाल

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मीडियाकर्मियों के साथ व्यापारियों ने घेरा थाना, की कार्यवाही की मांग
- व्यापारी से की हददर्जे की बदसूलकी
- दुकान बंद कर दी जेल भेजने की धमकी
एत्मादपुर (आगरा)। कस्बे में अंडर ट्रेनी दरोगाओं की आतंक से हर कोई परेशान है। नई नौकरी पाने से वह अपनी मर्यादा भूल गए हैं। विगत एक-दो महीनों से ट्रेनी दरोगाओं ने हदों की सीमाओं को पार कर दिया है। जिससे हर कोई हैरत में पड़ गया है। पुलिस होने के नाते लोग शिकायत करने डरने लगे हैं।
रविवार सुबह बरहन तिराहे पर राजस्थान की पुलिस एक मामले की जाँच करने आई थी। उसके साथ में एत्मादपुर थाने का ट्रेनी दरोगा भी आया था। पुलिस को आता देख लोगों की भीड़ जमा हो गई। तभी दुकान से बाहर दुकानदार और व्यापारी लोग निकल आए। जिससे ट्रेनी दरोगा यासिर बेग उत्तेजित हो गया और फर्नीचर व्यापारी मोहित सिसोदिया से उलझ गया। तमाम गाली-गलौज के बाद धक्का-मुक्की कर दी गई। विरोध करने पर दुकान बंद कर तमंचा और गांजे के साथ सरेआम जेल भेजने की धमकी दे दी। मीडियाकर्मी और व्यापारी से हददर्जे की बदसूलकी से व्यापारियों और पत्रकार संगठनों में उबाल आ गया है। उन्होंने एकजुट होकर थाने का घेराव किया। इसके साथ ही ट्रेनी दरोगा को सस्पेंड करने की मांग की। मांग न माने जाने पर पुलिस कमिश्नर के सामने पेश होने की बात कही।
हैरत की बात यह है कि इनकी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है। करीब डेढ़ माह पूर्व सपा समर्थित कार्यकर्ता राजदीप सिंह (राज बघेल) अपनी पत्नी के दवा लेने के लिए बरहन रोड से गुजर रहे थे। तभी हाईवे पर खड़ा ट्रेनी दरोगा वैभव राठी ने जबरदस्ती बाइक से चाबी निकाल कर पत्नी के सामने उन्हें को जमकर बेइज्जत किया। जिसकी मौखिक शिकायत उन्होंने एसीपी पीयूष कांत राय से की। नतीजन, अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। ट्रेनी दरोगा बेखौप होकर रहागीरों से मारपीट और गाली गलौज पर उतारू है। क्षेत्र में उसका आतंक इस कदर बढ़ गया है कि लोग शिकायत करने से डरने लगे हैं। इससे दो-चार दिन पूर्व एक अंडर ट्रेनी दरोगा ने बाइक निकलने को लेकर एक पत्रकार से भी बदसूलकी थी।
जिसकी भी शिकायत थाना प्रभारी निरीक्षक विजय विक्रम सिंह और एसीपी पीयूष कांत राय से की गई। बावजूद उसके दरोगा पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे आम नागरिकों से लेकर व्यापारी जनों में खासा आक्रोश प्राप्त है। उन्होंने कहा है कि ऐसे आदमखोरों पर कार्रवाई नहीं की गई तो व्यापारी एकजुट होकर आंदोलन के लिए बाध्य होगा।