राणा के बयान पर ‘संग्राम’ को कूदी करणी सेना, सभा के बाद एक्सप्रेस वे पर लगाया जाम

- तोड़फोड़ कर रहे युवाओं पर पुलिस ने फटकारी लाठियां
- सम्मेलन में आने पर पुलिस अधिकारियों को रोका
एत्मादपुर (आगरा)। गढ़ी रामी कुबेरपुर राणा सांगा पर रामजी लाल सुमन की राज्यसभा में टिप्पणी से क्षत्रिय करणी सेना में उबाल है। शनिवार को एत्मादपुर के गढ़ी रामी में राणा सांगा की जयंती पर रक्त स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया गया। करणी सेना के देश के अनेक हिस्सों से कार्यकर्ता और पदाधिकारी पहुंचे। बाइक और कारों से रैली मैदान की ओर बढ़ने वाले युवाओं के हाथ में श्रीराम की तस्वीर और नाम के भगवा झंडे लहरा रहे थे। इनके लिगाए जय श्रीराम के जयकारे हर ओर गूंज रहे थे। यह धीमे होते तो रामजी लाल सुमन निशाने पर आ जाते थे। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यहां से रैली की ओर जाने वाले रास्तों पर पूरे दिन यही नजारा रहा। मंच भी इससे नहीं बचा। राणा सांगा पर संग्राम में यहां भी रामजी और श्रीराम थे।

रामजी और श्रीराम पर रैली स्थल पर साथियों के साथ एटा के चक्रेश पांडेय चर्चा कर रहे थे। इनका कहना था, हनुमान जयंती पर यह अजब है। सुबह से राम का नाम लोगों की जुबां पर है। रामजी के लिए गुस्सा है। श्रीराम के लिए श्रद्धा और सम्मान। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा कि मेरी बात से नाखुश लोगों को लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है। उनका विरोध जायज हो सकता है। लेकिन, जिस तरह से 26 मार्च को मेरी गैर मौजूदगी में घर पर हमला से हुआ। तोड़फोड़ की गई। वाहन क्षतिग्रस्त किए। यह हिंसा अनुचित है। उन्होंने कहा कि अभी भी कोई मेरी मी जीभ काटने, तो कोई सिर काटने का एलान कर रहा है। इससे साबित हो रहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था लचर है।
अपर पुलिस आयुक्त को नहीं घुसने दिया
गढ़ी रामी कुबेरपुर में दोपहर करीब 12 बजे अपर पुलिस आयुक्त संजीव त्यागी और सदर एसीपी विनायक भोसले पहुंचे थे। जब वह मंच के लिए नैदान में जाने लगे तो कार्यकर्ता आ गए। सभी अपने हाथों में तलवार, फरसे, डंडे, बैट आदि लिए हुए थे। नारेबाजी शुरू कर दी। कहा वापस जाओ। हमें पुलिस की जरूरत नहीं। इस पर अधिकारी वापस चले गए। इसके बाद कोई भी अधिकारी मैदान में नहीं गया। करणी सेना और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में टकराव की आशंका पर शनिवार को पुलिस ने करीब 12 घंटे तक सपा जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा निषाद को उनके बाह, भदरौली स्थित आवास पर नजरबंद रखा। जिलाध्यक्ष ने पुलिस व प्रशासन पर पक्षपात और एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है।
एसीपी पिनाहट के साथ कई थानों की पुलिस तड़के ही जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा निषाद के घर पहुंच गई। जिलाध्यक्ष को घर में नजरबंद करने की सूचना मिलते ही आवास पर सपाइयों का तांता लग गया। सुबह 10 बजे तक सपा नेताओं का जमघट लग चुका था। जिलाध्यक्ष ने पुलिसकर्मियों से कहा कि मुझे सांसद आवास जाना है। लेकिन, पुलिस अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी।जिलाध्यक्ष ने कहा कि मुझे सुबह 5 से शाम 5 बजे तक नजरबंद रखा गया। जबकि जो लोग खुलेआम धमकियां दे रहे हैं, पुलिस उनको सम्मेलन करने की अनुमति दे रही है। पुलिस ने यही तत्परता 26 मार्च को दिखाई होती, तो सांसद आवास पर हमला नहीं होता।
राज्यसभा में यह दिया था बयान
रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था कि भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं, तो तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं। देश की आजादी की लड़ाई में इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी।