आगरा शहर की आब-ओ-हवा जानने रात के अंधेरे में निकलीं ‘लेडी सिंघम’

- सुनसान रास्ते में आ गई ‘मुसीबत’
- बुलानी पड़ी पुलिस, देखते ही मच गई खलबली
राम किशोर बघेल…
आगरा। आगरा शहर की आबो-ओ-हवा की हकीकत जानने के लिए ‘लेडी सिंघम’ शनिवार की अंधेरी रात में अकेले ही ऑटो में सवार होकर शहर भ्रमण को निकल गईं। सुनसान इलाके में मुसीबत में फँसता देख उन्हें पुलिस बुलानी पड़ी। बाद में पुलिस उन्हें पुलिस लाइन छोड़ने गई।

आगरा कमिश्नरेट की तेज-तर्रार पब्लिक प्लेसमेंट में ‘लेडी सिंघम’ की उपाधि से नवाजी गईं एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा शनिवार की अंधेरी रात में अकेले ही ऑटो में सवार शहर भ्रमण को रवाना हो गईं। वह जानना चाहती थीं, कि रात के समय शहर में घूमती अकेली युवती या महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं। जिसका उन्होंने बारीकी से जायजा लिया। वह शहर में हो रहे अपराध की हकीकत जानने के लिए आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से कैजुअल ड्रेस में निकली। उन्होंने पर्यटक बन खुद सुरक्षित रहने के लिए 112 डायल पर पुलिस को घर पहुंचाने के लिए कहा। 112 डायल पर महिला पुलिसकर्मी करीब 3 मिनट तक उनसे जानकारी करती रही। उसके बाद में भगवान टॉकीज पर खड़ी पिंक पीआरबी आगरा कैंट पर पहुंच गई।

वूमेन सेफ्टी सेल व महिला अपराध एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि आने वाले नवरात्रि के महीने से पहले महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर रखने के लिए खुद को विक्टिम बनाया। उन्होंने आधी रात तक शहर की प्रमुख बाजार और और पब्लिक प्लेसमेंट में जाकर सुरक्षा व्यवस्थाओं को बारीकी से परखा। एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा ने रात के अंधेरे में सदर बाजार, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन समेत विभिन्न चौराहों पर कैजुअल ड्रेस में पहुंची, इसके अलावा उन्होंने शेर की ब्लैक स्पॉट पर पहुंच कर पीआरबी का रिस्पांस टाइम भी देखा, जिसमें सब कुछ सही साबित हुआ। उन्होंने 112 डायल का इस कदर यूज किया कि वह महिला अधिकारी नहीं एक पर्यटक के रूप में शहर की आबो-ओ-हवा को जानने के रवाना हुईं हैं। उन्होंने कहा नवरात्रि के महीने में महिला सुरक्षा को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है। जिसको लेकर रात को शहर के ऐसे प्वाइंटों का जायजा लिया, जहां ब्लैक स्पॉट बने हैं। उन्होंने इमरजेंसी सेवा 112 डायल को चेक कर रिस्पांस टाइम भी बेहतर बताया।
एत्मादपुर से मिली ‘लेडी सिंघम’ की उपाधि
आगरा कमिश्नर की तेज-तर्रार महिला अधिकारी एत्मादपुर की तत्कालीन एसीपी रहीं डॉ.सुकन्या शर्मा को लेडी सिंघम की उपाधि दी गई। उन दिनों उन्होंने एत्मादपुर के बरहन तिराहे पर महिला सुरक्षा और अपराधों संबंधित संदिग्ध वाहनों-ऑटो चालकों के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान वह राष्ट्रीय राजमार्ग पर दीवार बनकर खड़ी हो थीं, हाईवे पर वाहनों की रफ्तार थमी तो राहगीर भी विचलित होने लगे थे। उस वाक्ये को मीडिया भी कवरेज कर रही थी। उस दिन तिराहे पर भगदड़ सी मची हुई थी। तभी कुछ राहगीर बोले… यह पुलिस अधिकारी नहीं, लेडी सिंघम का रूप है। इनके कड़े तेवर देख हाईवे जाम हो गया।