आरोपी ने थाने में बैठकर काटी रात, सुबह जेल भेजा

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- मृतक संजय के बच्चों से मिलने पहुचे, नायब तहसीलदार
- चहरा झुकाए बैठा रहा था दरोगा
एत्मादपुर (बरहन)। थाना क्षेत्र के गांव रूपधनू में तीन दिन में होमगार्ड प्रमोद और उसके भाई संजय के आत्महत्या के मुकदमे में आरोपी थाना सादाबाद के निलम्बित दरोगा हरीओम अग्निहोत्री को मंगलवार रात हाथरस में दविश देकर गिरप्तार करने के बाद बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया है।
एसीपी सुकन्या शर्मा ने बताया कि दरोगा को हाथरस में दबिश देकर मंगलवार रात 11 बजे गिरप्तार किया था । जिसका रात्रि 12 बजे चालान कर दिया था सुबह 8 बजे मेडिकल परीक्षण कराकर बुधवार सुबह अदालत में पेश किया गया। जिसे कोर्ट के आदेश पर दरोगा को जेल भेज दिया गया है। मुकदमे मे नामजद प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार अभी पकड़ से दूर है। उसकी गिरफ़्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई है। दरोगा हरिओम अग्निहोत्री की गिरफ़्तारी के समय एफआईआर कर्ता को बुलाया गया था। उन्होंने आने से मना कर दिया था।
बरहन के रुपधनु मे दो भाई संजय और प्रमोद के परिजनों से मिलने पहुचे। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना ब्यक्त की, नायव तहसीलदार हेमेंद्र सिंह ने बताया कि संजय के बच्चे अनाथ हो गए है। उनकी माँ 10 वर्ष पूर्व गुजर चुकी थी। पिता संजय ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। संजय के तीन बच्चे है जिसमे 22 वर्षीय रसना की शादी हो चुकी है। छोटी बेटी मुलु और बेटा हिमांशु अभी नावालिग़ है। इसकी शिक्षा के लिए सरकार द्वारा सहयोग दिया जायेगा। जिसके लिए वह पीड़ित परिवार से बुधवार को उनसे मिलने गए थे। संजय और प्रमोद दोनों के बच्चों को शिक्षा के लिए सहयोग दिया जायेगा। वही पिता सुनहरी लाल की ब्रढ़ा पेंसन की ऑनलाइन प्रक्रिया प्रधान नीरज चौहान और लेखपाल शिवराज सिंह के साथ मिलकर पूरी कराई गई है। जिससे सरकार के द्वारा दी जाने बाली सुविधाए पीड़ित परिवार को मिल सके वही एसडीएम दिव्या सिंह ने बताया है कि बच्चों कि पढ़ाई के लिए उन्हें स्कॉलरसिप दिलाई जाएगी। इसके लिए सभी कागजात टाइयार कराये जा रहे है। डीपीओ कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद बच्चों को चार हजार रूपये प्रतिमाह मिलेंगे जिससे उनकी पढ़ाई हो सकेगी। बच्चों के पास केवल आधार कार्ड मिले थे जो इसके लिए पर्याप्त नहीं है। टीसी आदि कि ब्यवस्था परिजन कर रहे है। जल्द सुविधा मुहैया करा दी जाएगी।
सादाबाद पुलिस द्वारा संजय को उठा ले जाने पर की थी अधिकारियों से बात, सभी साक्ष्य जुटाए
एत्मादपुर। बरहन के रुपधनू गाँव मे दो सगे भाई संजय और प्रमोद की आत्महत्या से उनके सबसे बड़े भाई काफ़ी आहत है। उन्हें बेहद दुख है कि अपने छोटे दोनों भाइयो के अंतिम दर्शन तक नहीं कर सके। वह सेना मे सब इंस्पेक्टर के पद पर जम्बू कश्मीर मे तैनात है। उन्हें छुट्टी नहीं मिल सकी। वह तीस तारीख को अपने गाँव रुपधनु आ रहे है। उन्होंने जागरण को बताया है कि भ्रस्ट अधिकारियो के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। अधिकारियो के सारे सबूत वह मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के समक्ष रखेंगे।
मृतक प्रमोद और संजय पांच भाई है। सबसे बड़े भाई लायक सिंह सीआरपी मे सब इंस्पेक्टर के पद पर जम्बू कश्मीर मे तैनात है। उससे पहले रक्षा मंत्रालय दिल्ली मे करीब 11 वर्ष तैनाती रही। लायक सिंह ने जागरण को बताया कि सादाबाद पुलिस द्वारा संजय को उठा ले जाने के बाद वहाँ के एसओ और सीओ से उन्होंने कई बार बात की, अपना परिचय देते हुए परिबार की स्थिति से उन्हें अवगत कराया था। लेकिन कोई कुछ भी सुनने टाइयार नहीं था। जिसके सभी सबूत उनके पास मौजूद है। बात करते हुए भाबुक हुए लायक सिंह अपने आप को कोस रहे थे। उनका कहना था कि छुट्टी नहीं मिलने की बजह से वह अपने छोटे भाइयो के अंतिम दर्शन तक नहीं कर सका। लायक सिंह ने साफ कहा कि इस लड़ाई को मजबूती से लड़ेंगे, मेरे दो भाइयो ने भ्रस्ट अधिकारियो की बजह से जान गवाई है। सभी साक्ष को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात करेंगे।
सहमा हुआ है परिवार
एत्मादपुर। प्रमोद और संजय का परिवार सदमे मे है उन्हें अभी भी डर सता रहा है, कि पुलिस कोई अंदरूनी चाल नहीं चल रही हो। वह परिचित लोगो से ही बात कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को एक महिला पत्रकार बनकर उनके पास आई जिसका हाव भाव उन्हें पत्रकार जैसा नहीं लगा। परिजनों ने बताया कि उस महिला ने घर के बारे मे सारी जानकारी जुटाई, उन्हें डर है कि पुलिस कोई नया खेल नहीं खेल रहे हो।
राजनेताओं का लगा रहा ताँता
एत्मादपुर। मृतक प्रमोद और संजय के घर बुधवार को कांग्रेस, सपा और भाजपा नेताओं का ताँता लगा रहा। वही प्रदेश महामंत्री रामप्रताप चौहान पीड़ित परिवार और, ग्रामीणों से लगातार सम्पर्क बनाये हुए है। हर संभव मदद के लिए परिवार को अस्वस्थ किया है।
प्रधान और ग्रामीण हर सम्भव कर रहे है मदद
एत्मादपुर। प्रमोद और संजय के परिजनों का अभी मुंडन नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि अभी पंचक चल रहे है। जिसमे तीन दिन अभी बाकी है। तीन दिन बाद मुंडन होगा। पीड़ित परिवार के खानपान से लेकर हर सुख दुख मे पलपल की मदद के लिए पूरा गाँव लामबंद हो गया है।