सदर एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा की कार्यवाही से उन लोगों को जाएगा संदेश, जो मानते हैं तेजाब फेंकना बच्चों का खेल, सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के प्रतिनिधिमंडल ने किया सम्मानित  – कलम के योद्धा

सदर एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा की कार्यवाही से उन लोगों को जाएगा संदेश, जो मानते हैं तेजाब फेंकना बच्चों का खेल, सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के प्रतिनिधिमंडल ने किया सम्मानित 

आगरा। एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा की कार्यवाही से उन लोगों को सही संदेश जाएगा जो मानते हैं कि तेजाब फेंकना बच्चों का खेल है। अगर पुलिस सूचनाओं को गंभीरता से ले और त्वरित कार्यवाही करे तो न केवल नियोजित अपराधिक घटनाओं को रोका जाना। इसके साथ ही अपराधियों को हतोत्साहित करने वाला संदेश दिया जाना भी संभव है।

हाल में ही सदर क्षेत्र में रहने वाली एक युवती को ‘एसिड अटैक’ की वारदात से बचाने का सराहनीय कार्य एसीपी सदर डॉ. सुकन्या शर्मा के द्वारा किया गया। डॉ. शर्मा की सूझबूझ और त्वरित कार्यवाही करने को सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने एक अनुकरणीय कार्य माना है। उन्होंने सौदागर लेन स्थित एसीपी कार्यालय पर पहुंचकर सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा, असलम सलीमी और कांति नेगी, ऐसिड अटैक पीडिताओं के द्वारा संचालित ‘शीरोज हैंगआउट’ की प्रतिनिधि रुकैया और डॉली द्वारा सम्मानित किया गया।

 

वक्ताओं ने कहा कि उनकी सक्रियता एक युवती को ताजिंदगी सालने वाली एसिड अटैक की अमानवीय घटना से बचाय जा सका। शीरोज हैंग आउट की रुकैया ने एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा के तत्परता की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने आपबीती को साझा करते हुए कहा कि उन पर पर 14 साल की उम्र में हमला हुआ था और 20 साल बाद 2023 में तत्कालीन एडीजी राजीव कृष्ण के कहने पर एफआईआर दर्ज की गई थी। वह सोचती हैं कि काश उनके साथ घटी घटना के समय भी डॉ. सुकन्या जैसी ही कोई एसीपी होतीं तो स्वयं भी बच जातीं।

डॉली ने कहा कि वह एसीपी के एक्शन की प्रशंसक हैं, घटना घटने के बाद अपराधी के विरुद्ध एक्शन लेने भी महत्वपूर्ण है। लेकिन अगर घटना घटने से रोका जा सके तो उससे महत्वपूर्ण क्या हो सकता है। पुलिस ने थोडी सी तत्परता से एक युवती की खुशहाली को बर्बाद होने से बचा लिया, वह निश्चित रूप से प्रशंसनीय है। इस कार्यवाही से उन लोगों को सही संदेश जाएगा जो मानते हैं कि तेजाब फेंकना बच्चों का खेल है।

 

अनिल शर्मा ने कहा रोकथाम इलाज से बेहतर है। उन्होंने लड़की की जान बचाने के लिए एसीपी मैडम को धन्यवाद दिया। तेजाब फेंकने के बाद जिंदगी नर्क बन जाती है। एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा कार्यवाही और घटना की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि यह अपनी तरह की पहली अफसर है, जिसमें पुलिस ने एसिड अटैक की घटना को अंजाम दिये जाने से पूर्व समय पर निवारक कदम उठाकर रोका है। उन्होंने बताया कि अपराधी ने न केवल लिखित रूप में बल्कि वीडियो चैट के जरिए अपनी मंशा सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। अपराधी ने कार्रवाई करने के लिए अपने दोस्त को बहला-फुसलाकर बुलाया था। बताया जा रहा है कि अपराधी का आपराधिक रिकॉर्ड है और वह हाल ही में जेल से बाहर आया है। पूछताछ में उसने बताया कि युवती की छोटी बहन, जिससे उसकी जान-पहचान थी, से उसका झगड़ा हुआ था और आपराधिक गतिविधियों के चलते रिश्ता टूट गया था। सबक सिखाने के लिए यह कदम उठाने की योजना बनाई गई थी।

डा. सुकन्या शर्मा ने बताया कि सर्विलांस सिटी टीम, एसओजी सिटी और थाना पुलिस इस कार्यवाही में सक्रिय योगदान रहा।

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