एत्मादपुर ब्लाॅक परिसर का मुख्य गेट बाद में बना, पहले भुगतान कर दिया गया, चहेती फर्म तान्या कंस्ट्रक्शन को दिया था गुपचुप टेंडर
- पिछले 13 माह से ब्लाॅक कार्यालय का गेट कर रहा बनने का इंतजार
- समाजसेवी संस्था के सदस्य ने सूचना के अधिकार से मांगा जवाब
एत्मादपुर (आगरा)। ब्लाॅक एत्मादपुर में एक बड़ा घपला सामने आया है। क्षेत्र पंचायत निधि से ब्लाॅक कार्यालय के मुख्य गेट निर्माण के लिए भुगतान हो गया, लेकिन गेट का निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं सका है। जिसको लेकर सिस्टम सुधार संगठन के सदस्य व समाजसेवी सत्यपाल सिंह परमार ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम 2005 की धारा 6 (1) में अधिकारियों से अनेकों बिंदुओं पर जवाब मांगा है।
एत्मादपुर ब्लाॅक कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के लिए करीब डेढ़ साल पहले गुपचुप तरीके से टेंडर निकाला गया। खास ठेकेदार की फर्म तान्या कंस्ट्रक्शन को गेट बनाने का ठेका दिया गया। मजेदार बात यह है कि गेट का काम पूरा नहीं हुआ और तेरह माह पहले ही रनिंग भुगतान कर दिया गया। बड़ा सवाल है कि जब काम पूरा ही नहीं हुआ तो तेरह माह पहले भुगतान किसके आदेश पर किया गया। बहराल, यह जांच का विषय है। ब्लाॅक सूत्रों के अनुसार इस घपले में लम्बे समय से एक माननीय के भरोसेमंद अवर अभियंता (जेई) की मिलीभगत सामने आई है। बताया जाता है कि उक्त अवर अभियंता (जेई) पर ही सारे विकास कार्यों का भार है।
इधर, खंड़ विकास अधिकारी विजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पांचवें वित आयोग से किया गया ब्लाॅक परिसर के मुख्य गेट का निर्माण कार्य संज्ञान में नहीं है। भुगतान होने के बाद कार्य पूरा क्यों नहीं हुआ? जांच में तत्व विपरीत पाए गए तो स्थानीय फर्म के खिलाप कार्यवाही की जाएगी।