…ज़ब डोले में जल विहार को निकले ‘बाल गोपाल’, बैंडबाजों के साथ निकाली ठाकुरजी की वार्षिक शोभायात्रा, इन्द्र ने निभाई जल बर्षा की परम्परा
- राह में निकले ठाकुर जी तो फूलों की बर्षा
- बाजार में विभिन्न स्थानों पर लगाए शरबत के प्याऊ
एत्मादपुर (आगरा)। श्री कृष्ण जन्मआष्ट्मी के बाद अवतारी बाल गोपाल (ठाकुर जी महाराज) भद्रपद एकादशी शनिवार की दोपहर कस्बे के प्राचीन मंदिर श्री सत्यनारायण से निकलकर नयन अभिराम आकर्षक में सज धज कर डोले में सवार होकर बैंड-बाजा के साथ जल विहार करने के लिए बुढ़िया के ताल पहुंचे।
यहां पर परंपरागत वार्षिक जल विहार मेला लगा। भजन कीर्तन के साथ खेलकूद प्रतियोगिता भी आयोजित की। भगवान बाल गोपाल ठाकुर जी महाराज की जल विहार कीड़ा के उपरांत आरती प्रसाद के बाद डोले की वापसी की गई। राह में उनका पुष्प बर्षा कर भरकश स्वागत किया गया।
जल विहार मेला शोभायात्रा में मंदिर श्री सत्यनारायण, मंदिर बिहारी जी, मंदिर श्री लक्ष्मी नारायण, श्री संकट हरण महादेव मंदिर आदि शामिल थे। भगवान श्री सत्यनारायण बाल गोपाल जी के डोले को भ्रमण के लिए कस्बे के विभिन्न मोहल्ला और गलियों में दर्शनार्थियों के समक्ष ले जा जा गया। जहां उन्होंने भगवान की सहज दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया।