एत्मादपुर में जमीन वापसी के लिए महिलाओं ने घेरी सड़क, डीएम से वार्ता होने यातायात किया शुरू – कलम के योद्धा

एत्मादपुर में जमीन वापसी के लिए महिलाओं ने घेरी सड़क, डीएम से वार्ता होने यातायात किया शुरू

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इनर रिंग रोड की दूसरी साइड पर लेट कर प्रदर्शन करती महिलाएं।

  • इनररिंग रोड पर लेटी प्रदर्शनकारी महिलाएं
  • वाहनों की लगी कतारे, पुलिस ने रूट डायवर्जन किया
  • एडीए व जिला प्रशासन से किसानों वार्ता विफल, धरना जारी

एत्मादपुर (आगरा)। वर्ष 2009 में रायपुर व रहनकला मौजा की एडीए द्वारा अधिग्रहण की जमीन वापस करने को लेकर प्रभावित गांवों के सैकड़ों किसानों महिलाओं व किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने सयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जमीन वापसी को लेकर इनररिंग रोड पर धरने के दूसरे दिन अधिकारियों से वार्ता विफल होने पर इनररिंग रोड़ की दूसरी ओर सड़क पर महिलाओ ने धरना देते हुए हाइवे बन्द कर दिया।

इनर रिंग रोड की दूसरी साइड पर लेट कर प्रदर्शन करती महिलाएं।

जमीन वापसी को लेकर रहनकलाँ व रायपुर मौजा के सैकड़ों किसान धरने के दूसरे दिन अधिकारियों से वार्ता विफल होने पर दोपहर 3 बजे सड़क की दूसरे साइड पर महिलाओं ने प्रदर्शन करते सड़क पर लेट गई। जिसके चलते लखनऊ व रमाडा व दिल्ली से आने वाले वाहनों की लंबी कतारें लग गई। पुलिस ने दोनों ओर से वाहनों को वापस करते हुए वेरियर लगाकर रूट डायवर्जन किया और वाहनों को निकाला गया। उसके बाद धरने के दौरान जवानों की गाड़ी व एम्बुलेंस को किसानों ने निकलने दिया।

इनर रिंग रोड पर दूसरे दिन भी धरना देते रहे किसान।

बताते चले कि विगत 14 वर्ष पूर्व आगरा विकास प्राधिकरण ने रायपुर व रहनकला मौजा के एक दर्जन से अधिक गांव की 444 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की थी। जिसमे 5 हजार किसान प्रभावित हुए थे। जिसका आज तक किसानों को मुआवजा नही दिया गया तथा किसानों के राजस्व अभिलेखों से नाम भी काटकर एडीए ने अपने नाम दर्ज करा ली। विगत कई वर्षों से जमीन वापसी को किसान आंदोलन करते चले आ रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा केवल आश्वासन दिया जाता रहा है। दोपहर डेढ़ बजे किसानों से वार्ता करने पहुचे अधिकारियों से वार्ता विफल होने पर दोपहर 3 बजे जिलाधिकारी के नही आने पर महिलाएं दूसरी सड़क पर लेट गईं और हाइवे को बंद कर दिया।

किसानों से वार्ता विफल होने पर लौटे पुलिस प्रशासनिक अधिकारी।

किसान नेता प्रदीप शर्मा ने कहा कि उक्त प्रकरण में मुख्यमंत्री से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मिलने का समय लिया जाए।किसानों की जमीन का मामला अब शासन के हाथ में है। वहीं शाम 5 बजे डीसीपी सोनम कुमार व एसीपी डॉ, सुकन्या शर्मा सहित पुलिस अधिकारी पहुंचे। इससे पहले पुलिस और पीएसी के सैकड़ों जवान मौजूद थे। किसानों द्वारा हंगामा की सूचना पर धरना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। उसके शाम को डीएम अरविन्द मलप्पा बंगारी मौके पर पहुँच गए। उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों के साथ बैठक कर समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने उनकी बात से इंकार कर दिया। डीएम के कहने पर किसानों ने यमुना एक्सप्रेस-वे की दूसरी लाइन पर आंदोलन कर रही महिलाओं से हाइवे खाली करा दिया गया। तब जाकर हाइवे दूसरी लाइन पर यातायात सुचारु हो सका।

किसानों के धरना स्थल पर सैकड़ो की संख्या में पुलिस और पीएसी की जवान तैनात।

धरने में सिस्टम सुधार संगठन के अंशुमन ठाकुर, भारतीय किसान यूनियन भानु के पवन समाधिया, वीरेंद्र चौहान सहित अन्य किसान संगठन के पदाधिकारी सहित प्रभावित किसान प्रदीप शर्मा, रामनिवास सिंह, अतर सिंह, महेन्द्र पाल सिंह, मुनेश कुमार, मुकेश दीक्षित, उपेंद्र सिकरवार, ओमप्रकाश सिंह, गुलाब सिंह, नत्थू काका, संजय कुमार, सतेंद्र तोमर, पप्पू सिंह, बीरी सिंह सहित सैकड़ों महिलाएं व बच्चे मौजूद रहे।

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